Kanch ka Tootna Ashubh hota hain
तर्क :- कांच का टूटना या कांच की बनी चीजों का टूटना , देखा जाये तो यह बहुत ही simple सी बात हैं, लेकिन इस साधारण सी बात को लोगो ने अपने मन में एक बुरी संभावित चीज के तौर पर बिठा लिया हैं। जैसे कि कांच टूटते ही लोग डर जाते हैं और सोचने लगते हैं की हम पर कोई विपदा आने वाली है।
पर असल में बात कुछ और हैं। पहले कांच या कांच से बनी चीजे बहुत ही कम घरो में हुआ करती थी। ज्यादातर लोग मिटटी से बने बर्तनो का ही इस्तेमाल किया करते थे। सिर्फ चेहरा देखने के लिए ही कांच का उपयोग किया जाता था। यह साधारण चीज नहीं थी जो तब के बाजारों में आसानी से उपलब्ध थी। मतलब तब कांच का बाजार सीमित ही था। ऐसे में यदि किसी घर में कांच हो और वो भी गलती से टूट जाती तो लोगो को थोड़ी सी परेशानी का सामना करना पड़ जाता था क्योकि वे बाहर जाने से पहले खुद को देख नहीं पाते थे कि सही लग रहे हैं या नहीं। और ऐसे ही लोगो ने धीरे - धीरे इस बात को शुभ -अशुभ चीजों से जोड़ दिया होगा।
दूसरी और हम देखते हैं कि कांच का टूटना इसलिए भी बुरा हैं क्योकि जब ये टूटता हैं तो इसके कुछ बहुत बारीक़ कण भी होते हैं , तो झाड़ू लगाने पर भी साफ़ नहीं हो पाते। ऐसे में यदि कोई वहा नंगे पांवो चला जाये तो कांच के उन बारीक़ कणो का पांव में घुसने का और घाव करने का डर भी रहता हैं। इसीलिए कांच के बर्तनो का अधिकतर लोग रोजमर्रा के कामो में उपयोग नहीं लेते हैं।
तो हो सकता हैं कि लोगो ने इन्ही बातो को ध्यान में रखकर कांच के टूटने को अशुभ मानना शुरू कर दिया हो।
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