Hum kyo kahte hein " Touch Wood"
अन्धविश्वाश :- "Touch Wood "
तर्क :- टच वुड मतलब लकड़ी का स्पर्श, लकड़ी मतलब पेड़। ये बात हम सभी जानते हैं की अंधविस्वास का सम्बन्ध पुराने समय यानि हमारे पूर्वजो के समय से हैं। वर्तमान में भले ही लोग पेड़ो को सिर्फ अपने मतलब के लिए लगाते हैं ताकि ये हमे साफ़ हवा दे और हमारी मूलभूत जरूरते पूरी करे। परन्तु पहले लोग पेड़ो को भगवान मानते थे , उनकी पूजा करते थे। पेड़ो को घर का सदस्य ही समझा जाता था। तब हर घर में पेड़ हुआ करते थे। पेड़ो को खुशहाली का प्रतीक समझा जाता था। इस बात का पता हमे वर्ष 1787
में जोधपुर के खेजड़ली गांव मे हुए चिपको आंदोलन से लगता हैं, जिसमे पेड़ो को बचाने के लिए वहां के 363 लोगो ने अपनी जानें गवाई। ऐसे कितने ही आंदोलन हुए जब लोग पेड़ो की रक्षा के लिए अपनी जान पर खेल गए।
लेकिन जैसे - जैसे लोगो की आवश्यकताएं बढ़ती गयी , पेड़ काम होते चले गए। अब हर घर में पेड़ हो ये जरूरी नहीं। लेकिन फिर भी हम बचपन से पेड़ो का महत्व पढ़ते और सुनते आये हैं। शायद इसीलिए जब जब इंसान को अपनी बदकिस्मती का डर सताता हैं तो वो भगवान् को याद करता हैं , और भगवान् मतलब पेड़ और आज के समय में पेड़ मतलब घर में रखा लकड़ी का कोई सामान , जिसे छूकर हम कहते हैं
" Touch Wood "
तर्क :- टच वुड मतलब लकड़ी का स्पर्श, लकड़ी मतलब पेड़। ये बात हम सभी जानते हैं की अंधविस्वास का सम्बन्ध पुराने समय यानि हमारे पूर्वजो के समय से हैं। वर्तमान में भले ही लोग पेड़ो को सिर्फ अपने मतलब के लिए लगाते हैं ताकि ये हमे साफ़ हवा दे और हमारी मूलभूत जरूरते पूरी करे। परन्तु पहले लोग पेड़ो को भगवान मानते थे , उनकी पूजा करते थे। पेड़ो को घर का सदस्य ही समझा जाता था। तब हर घर में पेड़ हुआ करते थे। पेड़ो को खुशहाली का प्रतीक समझा जाता था। इस बात का पता हमे वर्ष 1787
लेकिन जैसे - जैसे लोगो की आवश्यकताएं बढ़ती गयी , पेड़ काम होते चले गए। अब हर घर में पेड़ हो ये जरूरी नहीं। लेकिन फिर भी हम बचपन से पेड़ो का महत्व पढ़ते और सुनते आये हैं। शायद इसीलिए जब जब इंसान को अपनी बदकिस्मती का डर सताता हैं तो वो भगवान् को याद करता हैं , और भगवान् मतलब पेड़ और आज के समय में पेड़ मतलब घर में रखा लकड़ी का कोई सामान , जिसे छूकर हम कहते हैं
" Touch Wood "
1 Comments
this is good explanation of this superstition
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