अंधविस्वास :- अगर बिल्ली रास्ता काट जाये तो अपना रास्ता बदल ले। 
तर्क :- बिल्ली है तो एक साधारण सा और प्यारा सा जानवर (प्यारा तब तक ही जब तक वह गुस्से में पंजा न मारे ) लेकिन हम इंसानो ने इस प्यारे से जानवर को अंधविस्वाश के तले बुरा बना दिया। हम सभी ने कभी ना कभी बिल्ली के  बच्चो को जरूर देखा होगा और बहुत तो इनके साथ खेले भी होंगे ,कितने प्यारे होते है ना ये ,पर हम ने इसी जानवर को कही - कही बहुत अच्छे तो कही -कही बहुत बुरे शगुन के तौर पर प्रस्तुत कर दिया है। बिल्ली से जुड़े कुछ अच्छे शगुनो में है - दीपावली के दिन यदि आपको बिल्ली दिख जाये तो इसे धन - सम्पदा के आगमन का प्रतीक मानते है।  और यदि किसी काम के लिए जाते समय आपको बिल्ली दिख जाये और वो भी मुँह में मांस के टुकड़ो के साथ तो समझो आपका काम ठीक होगा। 
                                             लेकिन बिल्ली से जुड़े शगुनों में अच्छो से ज्यादा बुरो की गिनती है , जैसे - बिल्ली का रास्ता काटना अपशगुन ,बिल्ली का रोना अपशगुन , बिल्ली का पैरो को चाठना बुरा आदि। इनमे से आज मैं आपको बताने जा रही हूँ की बिल्ली के रस्ते काटने को सब अशुभ क्यों मानते हैं। और जब बिल्ली रास्ता काट जाती हैं तो क्यों लोग या तो रास्ता बदल लेते हैं या उसी रस्ते पर थोड़ी देर रुक कर आगे बढ़ते हैं। 
                                             दरअसल भारतीय मान्यता के अनुसार बिल्ली का राहु को प्रतीक माना जाता हैं , और राहु ग्रह के प्रभाव को अच्छा नहीं माना जाता।  राहु ग्रह के प्रभाव से इंसान को अक्सर कोई दुर्घटना होने का डर रहता है और जिस इंसान की कुंडली में राहु बैठा हो वह इंसान हमेशा मुसीबतो से घिरा रहता है। इसलिए राहु ग्रह को एक अशुभ ग्रह माना जाता है ,और इसी कारण बिल्ली (जो राहु की सवारी मानी जाती है ) को अशुभ माना गया है।  ऐसी वजह से यह माना गया है कि सफर के दौरान यदि बिल्ली रास्ता काट जाये तो आपको चोट लगने या नुकसान होने की संभावना रहती है। 
                                              वैसे यदि हम practically सोचे तो जिस घटना को होना होता है वो होती ही है फिर चाहे बिल्ली रास्ता काटे या नहीं। 

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