Raat ko peepal ke ped ke paas kyu nhi jana chahiye

अन्धविश्वास :- रात को पीपल के पेड़ के पास ना जाए।  तर्क :- पीपल , वैसे तो हम इस पेड़ की पूजा करते है , लेकिन रात में बच्चो को इस पेड़ से दूर रखने के लिए तरह -तरह की कहानिया बनाते है। पीपल का पेड़ बरगद या गूलर की जाति का पेड़ है , जो विशाल रूप धारण कर सैकड़ो वर्षो तक हरा…

Billi ke rasta katne pr rasta badlna

अंधविस्वास :- अगर बिल्ली रास्ता काट जाये तो अपना रास्ता बदल ले।  तर्क :- बिल्ली है तो एक साधारण सा और प्यारा सा जानवर (प्यारा तब तक ही जब तक वह गुस्से में पंजा न मारे ) लेकिन हम इंसानो ने इस प्यारे से जानवर को अंधविस्वाश के तले बुरा बना दिया। हम सभी ने कभी ना क…

Buri Najar Se Bachne k liye nimbu - mirch kyo latkate hai?

अन्धविश्वास :- बुरी नजर से बचने के लिए निम्बू- मिर्च लटकाना। तर्क :- निम्बू - मिर्च , नाम पढ़ते ही मुँह में खट्टा -खट्टा ,तीखा सा स्वाद आ जाता हैं ना। सभी ने निम्बू - मिर्च को किसी दुकान के बाहर या घर के बाहर जरूर लटकता देखा होगा। ये निम्बू - मिर्च लटकते हुए उस जग…

Raat ko nakhoon kyo na kate?

अंधविश्वास :- रात को नाखून ना काटे।  तर्क :- हमारे बहुत सारे अंधविश्वासो का सम्बन्ध बिजली से है।  पहले के समय बिजली नहीं थी, तो बहुत सारे काम लोग रात होने से पहले ही कर लिया करते थे और बाद में ये ही बाते आगे जाकर अंधविश्वास का कारण बनी। इन्ही में से एक है - रात मे…

Kanch ka Tootna Ashubh hota hain

अन्धविश्वाश :- कांच का टूटना अशुभ होता है।  तर्क :- कांच का टूटना या कांच की बनी चीजों का टूटना , देखा जाये तो यह बहुत ही simple सी बात हैं, लेकिन इस साधारण सी बात को लोगो ने अपने मन में एक बुरी संभावित चीज के तौर पर बिठा लिया हैं।  जैसे कि  कांच टूटते ही लोग डर …

Hum kyo kahte hein " Touch Wood"

अन्धविश्वाश :- " Touch  Wood " तर्क :- टच वुड मतलब लकड़ी का स्पर्श, लकड़ी मतलब पेड़।  ये बात हम सभी जानते हैं की अंधविस्वास का सम्बन्ध पुराने समय यानि हमारे पूर्वजो के समय से हैं। वर्तमान में भले ही लोग पेड़ो को सिर्फ अपने मतलब के लिए लगाते हैं ताकि ये हमे सा…

raat ko jhadu kyo nahi lagani chahiye

अंधविस्वास :- रात को झाड़ू नहीं लगानी चाहिए तर्क :- ये बात सभी अपने बचपन से सुनते हुए आ रहे है  की रात में झाड़ू ना लगाए, रात   में झाडू लगाने से    लक्ष्मी जी चली जाती हैं, पर क्या हमने ये सोचने या   जानने की   कोशिश की कि ऐसा क्यों? दोस्तो ,   पहले(मतलब सालो पहले …